प्रेम जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है, जिसके जीवन में यह घटित होता है वह बड़ा धन्यभागी है ।प्रेम में डूबा व्यक्ति मानस के किसी और ही तल पर जीता है जिसका अनुभव साधारण अवस्था में हम कभी नहीं कर सकते । चलें इस कविता के बहाने ढूँढ़ें कुछ ऐसा ही .......
प्रेम की छलकन चल रही हूँ मैं आसमां में बादलों पर अंग-अंग में है अजब सी थिरकन प्रेम सागर में दिल डूबा जाता है हृदयघट में है प्रेम रस की छिलकन तुम आये हो जबसे लेके मुझे अपने घर में सब रिश्ते भूल गईं बस हूँ अब तेरी दुल्हन खुशियाँ सीने में समा न पाती हैं काबू में नहीं है दिल की धड़कन जब से छुआ है तुमने इन हाथों को अंग अंग में है गजब की सिहरन जिस पथ से तुम आये हो मेरे मन मंदिर में माथे लगाया उस पथरज को बना कर चंदन चहूँ दिशाओं से बरस रही हैं प्रेम की किरणें घर मेरा बन गया है सौभाग्य का मधुबन समझ बैठी थी कि मैं तो नाकाबिल हूँ तूने एहसास कराया कि मुझ में भी है जीवन ।