जिंदगी एक वरदान है इस भावना के साथ जिना ही जिंदगी को पूर्णता देता है | ऐसी ही एक कामना को व्यक्त करती एक कविता प्रस्तुत है ........
अभी तो मैं जिंदा हूँ
अभी तो यह ब्रह्माण्ड
यह आकाशगंगा
यह पृथ्वी मेरी है
अभी तो यह नीला स्वच्छ आकाश
यह हरी- भरी धरती मेरी है
फूलों में खिलता प्रकृति का सौंदर्य
यह पक्षियों का कलरव
ये खिली धूप
यह ठंडी हवा मेरी है
अस्तित्व अपनी पूर्णता में
मुझमें जिंदा है
अभी तो मैं जीवित हूँ |
ये सुंदर शरीर
ये इंद्रियाँ
ये मस्तिष्क
ये चंचल मन
ये आशा निराशा
से भरी भावनाएँ मेरी हैं
ये अहो भाव से भरी
मेरी अंतरात्मा की पुकार मेरी है
अभी तो भगवत्ता
अपनी दिव्यता में
मुझमें प्रस्फुटित है
अभी तो मैं जीवित हूँ |
हे परमात्मा
है तुमसे इतनी ही प्रार्थना
जिंदगी जिऊँ मैं
अपनी संपूर्णता में
तू हो हर पल मेरे साथ
समय के हर एकांश में
जीवन की उर्जा से
अप्लावित हो मेरे
सांसों की हर एक डोर
और मेरी आत्मा हो
अहोभाव से भरी
अहर्निश
हर क्षण
हर पल ।
यह आकाशगंगा
यह पृथ्वी मेरी है
अभी तो यह नीला स्वच्छ आकाश
यह हरी- भरी धरती मेरी है
फूलों में खिलता प्रकृति का सौंदर्य
यह पक्षियों का कलरव
ये खिली धूप
यह ठंडी हवा मेरी है
अस्तित्व अपनी पूर्णता में
मुझमें जिंदा है
अभी तो मैं जीवित हूँ |
ये सुंदर शरीर
ये इंद्रियाँ
ये मस्तिष्क
ये चंचल मन
ये आशा निराशा
से भरी भावनाएँ मेरी हैं
ये अहो भाव से भरी
मेरी अंतरात्मा की पुकार मेरी है
अभी तो भगवत्ता
अपनी दिव्यता में
मुझमें प्रस्फुटित है
अभी तो मैं जीवित हूँ |
हे परमात्मा
है तुमसे इतनी ही प्रार्थना
जिंदगी जिऊँ मैं
अपनी संपूर्णता में
तू हो हर पल मेरे साथ
समय के हर एकांश में
जीवन की उर्जा से
अप्लावित हो मेरे
सांसों की हर एक डोर
और मेरी आत्मा हो
अहोभाव से भरी
अहर्निश
हर क्षण
हर पल ।
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