संदेश

जनवरी, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नए साल के संकल्प के बारे में सोचा तो निम्न पंक्तियां मानस में उतरीं। कुछ अकल्पय तो नहीं सोच लिया मैं ने?

नए साल में  नए साल में चाहती  एक बीज बोना फैले छतनार वृक्ष  हो प्रस्फुटित प्रेम का फूल  फैले सुगंध   हो सुरभित पवन  हर ले जो सब के मन का शूल  नए साल में चाहती  रचना कुछ ऐसा  हो सुगढ़, स्थूल लेकिन  शाश्वतता जिसमें भरी हो  जो न टूटे  जो न फूटे नित्यता का संग न छूटे  नए साल में चाहती  लिखना कुछ ऐसा  नितांत जो नया हो  पर पौराणिकता से गढ़ा हो  काल जिसको छू न पाए न पावस उसको गलाए  सब के दिल पर जो लिखा हो  चिर प्रतिष्ठित जो रह जाए  नए साल में ढूंढ़ती वह  जो है शाश्वत  चिर नूतन  चिर निरंतर  जो न खोए  संग मेरे साथ जाए  सार्थक हो जन्म लेना  जीवन का अभिप्राय सध जाए।     ........मुकुल अमलास .......