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आजकल कुछ बोलने की इच्छा नहीं होती शब्द जैसे चूक से गये हैं. तोआज सिर्फ मौन.....

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मौन कभी-कभी शब्द  भावनाओं को व्यक्त करने में  हो जाते असमर्थ तब बचता  एक ही सहारा  - मौन  मौन का अर्थ आँकना  आसान नहीं  नहीं होता वह  अपनी हार को छुपाने की  झेंप का सूचक  न ही करता  अपनी विजय का उदघोष  अपनी सच्चाई  और दूसरों को झूठा  साबित करने की  फ़िक्र से दूर  जब कोई ख़ुद में सिमट आता  तो उतर आता - मौन  अपनी पूरी पारदर्शिता  निश्छलता के साथ  हृदय घट में निष्कारण  सारे शब्दों पर पड़ता भारी  बिना कुछ कहे  दे देता सारे प्रश्नों के जबाब कर देता उन्हें निरुत्तर  जिन्हें है अपनी वाकक्षमता पर  अति विश्वास ।          --मुकुल अमलास (फोटो गूगल से साभार)

सभी को नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ प्रस्तुत है मेरी यह कविता.........

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नये साल में सोने सी हो सुबह सुनहरी   चाँदी सा चमचम दिन हो  रेशम सा फैले अंधियारा  सुरमई सी हो काली रैना  चाँद सभी के अंगना उतरे निंदिया भरी हो नैना   रोज छुऐं हम नई ऊँचाई कभी न जाने गिरना  इंद्रधनुषी हो जीवन सबका साथ  हो कोई अपना   नये साल में है ये कामना  पूरा हो सबका  सपना ।                                        __ मुकुल कुमारी अमलास (फ़ोटो गूगल से साभार)