'निःशब्दता के स्वर' की समीक्षा

हाल ही में मेरी पुस्तक 'निःशब्दता के स्वर' सिद्धार्थ बुक्स, दिल्ली से प्रकाशित हुई और उसका लोकार्पण हुआ । आज लोकमत समाचार के परिशिष्ट 'लोकरंग' में लब्धकीर्ति साहित्यकार श्री हेमधर शर्मा जी की समीक्षा आई है, अपने ब्लॉग के पाठकों के लिए उसे प्रस्तुत कर रही हूँ----

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मायका होता है बेटियों के लिए स्वर्ग की देहरी पर वह अभिशप्त होती हैं वहाँ ठहरने के लिए सिर्फ सीमित समय तक। शायद इसीलिए उसका आकर्षक है। मेरी यह कविता मायके आई ऐसी ही बेटियों को समर्पित ......

पौत्र

उऋण