आओ खेलें होली
आओ खेलें होली
भूल के सब रंजो-गम
आओ खेलें होली
रंग-अबीर उड़ाएँ छक कर
खुशियों से भरें झोली
आओ खेलें होली
दुःख और गम तो साथ रहेंगे
जब तक साँस की डोरी
दे ढोलक पे थाप नच लो
अब जिंदगानी बची है थोड़ी
आओ खेलें होली
जम कर आज धमाल मचा लो
क्यों करते होड़ा-होड़ी
धर्म-जाति का बंधन भूल
बन जाओ हमजोली
आओ खेलें होली
जिनका आज अपना नहीं कोई
उनकी बनाएं टोली
मिलकर सब नाचें और थिरकें
बाँटें खुशियां थोड़ी
आओ खेलें होली
न हो कोई आज अकेला
सबकी बन जाए जोड़ी
आज किसी पर रंग तुम डारो
कर लो जोड़ा-जोड़ी
आओ खेलें होली
गालों पे गुलाल सजाओ
आँचल न रहे कोई कोरी
अपने मन की आज करें सब
कोई साध रहे न अधूरी
आओ खेलें होली ।
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