शुभ दीपावली
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आओ तिमिर का जाल हटाएं
मिलजुल प्रकाश का पर्व मनाएं।
फैले प्रीत की अप्रतिम आभा
द्वेष कलह कहीं टिक न पाए
सुख-समृद्धि फैले चहुं दिस
द्वार पर तोरण पुष्प सजाएं
आओ तिमिर का जाल हटाए
मिलजुल प्रकाश पर्व मनाएं।
अपने घर की सुधि तो सब लें
पड़ोसी भी कोई भूखा न सोए
अहम से बढ़ दुश्मन नहीं कोई
इस रावण की बलि चढ़ाएं
आओ तिमिर का जाल हटाएं
मिलजुल प्रकाश पर्व मनाएं।
कर्मठता में बल है अद्भुत
अपने पर विश्वास जो लाएं
मांगे गणेश से रिद्धि-सिद्धि
लक्ष्मी के आगे शीश झुकाएं
आओ तिमिर का जाल हटाएं
मिलजुल प्रकाश पर्व मनाएं।
🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔🪔
.........मुकुल अमलास
(चित्र गूगल से साभार)
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