आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, आतंक ही उनका धर्म है | आग से ठंडक की आशा एक छलावा है कुछ लोग इस छलावा के शिकार हैं और अपने दामन को जला बैठते हैं | आज पाकिस्तान में जेहाद के नाम पर ऐसा ही कुछ हो रहा है | अब भी चेतने की जरुरत है | बहरहाल तो उन मासूमों को श्रधांजलि जो आतंकवादियों की भेंट चढ़ गये ..........





घर का चिराग गुल हो गया  है  जिनका
तमाम उम्र अब रहेगा   इंतजार उनका
अब न आयेंगे वे नन्हें फरिश्ते दुबारा घर में
जो थे लख्ते जिगर,  नजर के नूर अपनों के
क्या बिगाड़ा था अमन के दुश्मन तेरा इन बच्चों ने
क्यों किया  दुनिया ए तवारीख  का वरक गंदा तुमने
किसकी गवाही कौन सी तद्बीर सही ठहरायेगी तुम्हें 
दहशतगर्दों ताउम्र  मांगने से भी मौत न आयेगी तुम्हें | 

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